लताबाईंच्या १५ गझला
1. यूं हसरतों के दाग...-अदालत (मदनमोहन)
2. जुर्मे उल्फत पे हमें लोग...-ताजमहल (रोशन)
3. उनको ये शिकायत है... -अदालत (मदनमोहन)
4. हाले दिल यूं उन्हें सुनाया...-जहांआरा (मदनमोहन)
5. है इसी में प्यार की आबरू...-अनपढ़ (मदनमोहन)
6. वो चुप रहते हैं तो मेरे दिल...-जहांआरा (मदनमोहन)
7. दुनिया करे सवाल तो हम...-बहूबेगम (रोशन)
8. आज सोचा तो आंसू भर...-हंसते जख्म (मदनमोहन)
9. रहते थे कभी जिनके दिल में...-ममता (रोशन)
10. हम हैं मताए कूचाओ बाजार की...-दस्तक (मदनमोहन)
11. नग्मा और शेर की सौगात...-गजल (मदनमोहन)
12. रस्मे उल्फत को निभाएं... -दिल की राहें (मदनमोहन)
13. रुके रुके से कदम...-मौसम (मदनमोहन)
14. चलते चलते यूं ही कोई... -पाकीजा (गुलाम मोहम्मद)
15. दिखाई दिए यूं हमें आपसे... -बाजार (खय्याम)
0 टिप्पण्या